Kya Din Kya Raat He Lyrics
पुरुष:-
क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात कैन न नि बिंगी कैन नि जाणी मेरा मन की बात हे जी... हो मेरा मन की बात हे जी... हो स्त्री:- क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात झूरी-झूरी पिंगली ह्वेगे हरी भरी गात हे जी... हो हरी भरी गात हेजी... हो स्त्री:- उन त मर्जी चा तेरी समली ले की भूली जा तोड़ी करार जाणु छै जैली पर कबूली जा-जैली पर कबूली जा बांज कु बगोट हेजी हो बंजा कु बगोट देखि याली पछ्याणी भी याली तेरी नज़र कु खोट हे जी... हो पुरुष:- फूलु माँ देख ऐगेनि भौरा ये बरस भी तेरी मयाली माया कु जिकुड़ी तरसिगी जिकुड़ी-जिकुड़ी तरसिगी जिकुड़ी बाँजा कु बगोट हेजी हो-बाँजा कु बगोट बाला मनसी साची माया मा तिन क्या पायी खोट हे जी... हो स्त्री:- ऐसो बस्ग्याल फिर कुयेड़ी लौकली आँखी रोली दणमण जिकुड़ी यकुली डौरली-जिकुड़ी यकुली डौरली लांबी ह्यूंदै रात हेजी हो-लांबी ह्यूंदै रात खुदे-खुदे की पट मोरी जौलु छोड़ी न दे या साथ हे जी... हो पुरुष:- मेरा ही समणी बैठी रा कुछ न कैर कखी न जा माया खौला माया लौला मायादार छुई लगा-मायादार छुई लगा लांबी ह्यूंदै रात हेजी हो-लांबी ह्यूंदै रात माटा मा मिली जाली काया तौभी नि छोड़ू साथ हे जी... हो स्त्री:- क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात झूरी-झूरी पिंगली ह्वेगे हरी भरी गात हे जी... हो हरी भरी गात हे जी... हो पुरुष:- क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात कैन न नि बिंगी कैन नि जाणी मेरा मन की बात हे जी... हो मेरा मन की बात हे जी... हो.
पुरुष:-
क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात कैन न नि बिंगी कैन नि जाणी मेरा मन की बात हे जी... हो मेरा मन की बात हे जी... हो स्त्री:- क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात झूरी-झूरी पिंगली ह्वेगे हरी भरी गात हे जी... हो हरी भरी गात हेजी... हो स्त्री:- उन त मर्जी चा तेरी समली ले की भूली जा तोड़ी करार जाणु छै जैली पर कबूली जा-जैली पर कबूली जा बांज कु बगोट हेजी हो बंजा कु बगोट देखि याली पछ्याणी भी याली तेरी नज़र कु खोट हे जी... हो पुरुष:- फूलु माँ देख ऐगेनि भौरा ये बरस भी तेरी मयाली माया कु जिकुड़ी तरसिगी जिकुड़ी-जिकुड़ी तरसिगी जिकुड़ी बाँजा कु बगोट हेजी हो-बाँजा कु बगोट बाला मनसी साची माया मा तिन क्या पायी खोट हे जी... हो स्त्री:- ऐसो बस्ग्याल फिर कुयेड़ी लौकली आँखी रोली दणमण जिकुड़ी यकुली डौरली-जिकुड़ी यकुली डौरली लांबी ह्यूंदै रात हेजी हो-लांबी ह्यूंदै रात खुदे-खुदे की पट मोरी जौलु छोड़ी न दे या साथ हे जी... हो पुरुष:- मेरा ही समणी बैठी रा कुछ न कैर कखी न जा माया खौला माया लौला मायादार छुई लगा-मायादार छुई लगा लांबी ह्यूंदै रात हेजी हो-लांबी ह्यूंदै रात माटा मा मिली जाली काया तौभी नि छोड़ू साथ हे जी... हो स्त्री:- क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात झूरी-झूरी पिंगली ह्वेगे हरी भरी गात हे जी... हो हरी भरी गात हे जी... हो पुरुष:- क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात कैन न नि बिंगी कैन नि जाणी मेरा मन की बात हे जी... हो मेरा मन की बात हे जी... हो.
Song: Kya din kya raat
:क्या दिन क्या रात
Singer: Narendra singh negi
& Anuradha nirala
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