Ikhi E Prithve Ma Lyrics



इखि ई पिरथिमा ये हि जलम मां, इखि ई पिरथिमा ये हि जलम मां
देखि त छैं च कख देखि होलि,
रुपसि बांद ज्वा बसिगे मन मां, रुपसि बांद ज्वा बसिगे मन मां
देखि त छैं च कख देखि होलि- कख देखि होलि ..
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
इखि ई पिरथिमा ये हि जलम मां, देखि त छैं च कख देखि होलि
रुपसि बांद ज्वा बसिगे मन मां,
देखि त छैं च कख देखि होलि – कख देखि होलि ..
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
चोरी काखड़ि, बिरानि सगोड़ीकि सी – छै वा , चोरी काखड़ि, बिरानि सगोड़ीकि सी – छै वा
सवादि येनि कि पैणेकि पकोड़ि सी – छै वा
काड़ों का बोटूमा हिंसारे गुन्दसि, पिंडाळू पातुमा उंसिकी बुन्दसि – कख देखि होलि
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
दाना दिवाना कि ब्योवाकि गांणि सी – छै वा , दाना दिवाना कि ब्योवाकि गांणि सी – छै वा
रुड़्यूं का घामूमा छोय्याको पांणि सी छै वा
बादळु बीचमा जूनी झलक्क सी, दाता का मुक्क मा मंगत्याकि टक्क सी – कख देखि होलि
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू , कि बैम रै होलू ?
ह्यूंदि का दिनूमां घामै निवात्ति सी – छै वा , ह्यूंदि का दिनूमां घामै निवात्ति सी – छै वा
बाला का मनैकि स्यांणि दुद भात्ति सी – छै वा
मरच्यांणा खाणामा खीर जन मिट्ठि सी , दूर परदेस मा घोरैकि चिट्ठी सी – कख देखि होलि
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
ब्यो बर्यात्युं मां स्याळि सी गाळि सी – छै वा , ब्यो बर्यात्युं मां स्याळि सी गाळि सी – छै वा
नाति नत्येणों पर दादी अंग्वालि सी – छै वा
भूखा का अगाड़ी भोजने थालि सी, चौका तिराळि नारंगि डालि सी – कख देखि होलि
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
सूनैकि गौलिमा मोत्युंकि माला सी – छै वा , सूनैकि गौलिमा मोत्युंकि माला सी – छै वा
पांणिकि तौलिमा जूनि सौंडल्या सी – छै वा
औंसिकि घनाघोर राति मुछ्यालि सी – अंधेरा मन मां आसै उज्यालि सी – कख देखि होलि
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
इखि ई पिरथिमा ये हि जलम मां, देखि त छैं च कख देखि होलि
रुपसि बांद ज्वा बसिगे मन मां, देखि त छैं च कख देखि होलि – कख देखि होलि ..
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
गीत का पद्यानुवाद
इसी धरती पर इसी जनम में, देखा तो है पर देखा कहाँ
रूपसी जो बसी है मन में, देखा तो है पर देखा कहाँ, देखा कहाँ
स्वप्न है ये, या है ये वहम….
पराये के घर से चोरी ककड़ी सी है वो, भूखे को दान में मिली पकौड़ी सी है वो,
काटे भरे पेड़ में हिसालू की फून्द, पिंडालू के पात में ओस की बूँद
स्वप्न है ये, या है ये वहम….
दीवाने बूढ़े  के शादी के सपने सी है वो, गरमी की धूप में ठंडे पानी सी है वो,
काले बादल में चांदनी की झलक, दाता को तकते भिखारी की ललक
स्वप्न है ये, या है ये वहम….
सरदी के महीने की गुनगुनी धूप सी है वो, दूध की बच्चे को लगी भूख सी है वो,
मिर्च खाने के बाद मिली खीर जैसी, परदेश में राँझा को मिली हीर जैसी
स्वप्न है ये, या है ये वहम….
शादी में साली की प्यारी गाली सी है वो, दादी की गोद में मिली खुशहाली सी है वो,
भूखे के आगे ज्यों भोजन की थाली,  आँगन की कोने में नाँरगी की डाली
स्वप्न है ये, या है ये वहम….
सोने से गले में मोती की माला सी है वो, पानी के बर्तन में चांद की छ्टा सी है वो,
घने अंधकार में जलती मशाल सी, अंधेरे मन में आस के उजाले सी
स्वप्न है ये, या है ये वहम…
इसी धरती पर इसी जनम में, देखा तो है पर देखा कहाँ
रूपसी जो बसी है मन में, देखा तो है पर देखा कहाँ, देखा कहाँ
स्वप्न है ये, या है ये वहम…..






Songs Written By Narinder Singh Negi

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